Skip to main content

PulwamaAttack: युद्ध के खिलाफ एकजुट हम- सेय नो टू वार


अमित कुमार

नई दिल्ली, 4 मार्च

देश के कुछ गैर सरकारी संगठनों और सिविल सोसायटी समूहों ने भारत में नई दिल्ली में जंतर मंतर पर वर्तमान में देश में बन रही युद्ध के माहौल के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाया 


64 साल के डॉ रम्मनिज ने बताया इस तरह की मुहिम आज पाकिस्तान में भी निकाली गई है। इन्होंने सेय नो टू वार का नारा दिया। इन लोगों के अनुसार 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जो हमला हुआ जिसमें अर्धसैनिक बलो के 40 सैनिक मारे गए इसके या किसी भी आतंकी हमले की निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। हालंकि एक आतंकी हमला किसी भी हालत में भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन करने वाली कार्रवाईयो को उचित नहीं ठहरा सकता है या नहीं इसका अधिकार देता है
यहां उपस्थित लोगों ने आतंक को बढ़ावा देने वाले या उस में संलिप्त लोगों को पनाह देने के लिए पाकिस्तान की सेना और सरकार की निंदा की।
इनका मानना हैं जब सरकारों द्वारा लोकतंत्र को कम करके आंका जाता है और लोगों को उनकी राजनीतिक अधिकारों से वंचित करने के लिए राज्य बलों को लगाते हैं तो आतंक पनपता है। जम्मू कश्मीर के लोगों की यही हताश है जो भारत की आजादी के बाद 7 दशको तक अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं को उठाने के लिए लोकतांत्रिक माध्यमों से वंचित रहे हैं। पिछले साढे 4 वर्षों में भारत सरकार ने राज्य की पुलिस सैनिक बल और सेना का भूतपूर्व पैमाने पर इस्तेमाल लोगों की आवाज दबाने के लिए किया है। लोगों का हाशिये और निराशा से भरा अनुभव इससे अधिक कभी नहीं रहा है
पुलवामा की घटना के बाद के दिनों में कश्मीरी छात्रों मजदूरों प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों के खिलाफ प्रधानमंत्री के मौन रहते हुए शारीरिक हमलों को अंजाम दिया गया। अभी युद्ध राष्ट्रवाद की भाषा में कट्टरता को आगे बढ़ाने का हथियार बन गया और इस पर समाज का ध्रुवीकरण और लोगों को विभाजित किया जा रहा हैअफसोस की बात है कि मीडिया विशेष रूप से टेलीविजन मीडिया चैनलों ने इस निर्मित राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया हैं। अपने स्टूडियो को सत्ता की सेवा में युद्ध के मैदान में बदल दिया है
युद्ध संघर्ष और मतभेदों को बढ़ाने का औषध देता है युद्ध अमीरों के लिए नहीं बल्कि मेहनतकशो गरीब लोगों के लिए आर्थिक तंगी लाती है। दोनों पक्षों(भारत और पाक) की सेना एक वंचित तबकों में से आते हैं और अपना जीवन खोते हैं। युद्ध से ज्यादा विनाश लाता है। इसकी आर्थिक लागत है जिसे भरपाई में दशकों को लग जाती है


भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष से आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका कश्मीर विवाद का समाधान खोजना है।हम इसके समर्थन में जिम्मेदार नागरिकों ,जन संगठनों ,सामाजिक आंदोलनों ,नागरिकों ट्रेड यूनियन का प्रतिनिधित्व करते हैं,के रूप में एक साथ खड़े हैं

Comments

Popular posts from this blog

YOGA DAY: संयुक्त राष्ट्र से लेकर संसद तक और बीजिंग से लेकर रांची तक दुनिया ने किया योग

धर्म, जाति,और  क्षेत्र  से ऊपर है  योग    -  प्रधानमंत्री  मोदी   रांची, 21 जून (भाषा) पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर शुक्रवार को भारत के साथ ही दुनिया के कई देशों ने योग किया। संयुक्त राष्ट्र की महासभा से लेकर भारतीय संसद के परिसर और बीजिंग से लेकर रांची तक प्राचीन स्वास्थ्य पद्धति को पसंद करने वाले हजारों लोगों ने “ओम” एवं “शांति” का जाप करते हुए सरल एवं कठिन हर तरह के ‘आसन’ किए। प्रधानमंत्री मोदी ने आज के समारोहों की अगुवाई की। आज कई वैश्विक राजधानियों और भारत के नगरों एवं गांवों में योग के कार्यक्रम आयोजित किए गए।  भारत में मुख्य कार्यक्रम झारखंड की राजधानी रांची में हुआ जहां प्रधानमंत्री ( प्र . ) ने प्रभात तारा मैदान में 40,000 लोगों के साथ कई ‘योगासन’ किया।   प्र . मोदी ने लोगों से योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की अपील करते हुए कहा, “हमें योग को शहरों, गांवों एवं आदिवासी इलाकों तक ले जाने के प्रयास करने चाहिए। योग धर्म, जाति, रंग, लिंग एवं क्षेत्र से ऊपर है, यह सबके ऊपर है।”  उन्होंने लोगों से क...

महिला पत्रकार पर नकाबपोश लोगों ने गोलियां चलाईं

NEW DELHI: एक महिला पत्रकार पर पूर्वी दिल्ली के वसुंधरा एन्क्लेव में नकाबपोश लोगों के एक समूह ने गोली चलाईं।  पुलिस ने कहा कि नोएडा में रहने वाली मिताली चंदोला रविवार सुबह 12:30 बजे अपनी ह्युंडई आई 20 कार चला रही थी, तभी एक मारुति स्विफ्ट ने उसे ओवरटेक किया। कार के भीतर कुछ नकाबपोश लोगों ने उस पर दो गोलियां चलाईं, पुलिस ने कहा नकाबपोशों ने सामने की विंडशील्ड पर गोलियां चलाई जिसमें से एक गोली महिला के  हाथ पर लागी।  सुश्री चंदोला ने पुलिस को बताया कि हमलावरों ने तेज गति से भागने से पहले उसकी कार की विंडशील्ड पर अंडे भी फेंके।  उसे पूर्वी दिल्ली के धर्मशीला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अब वह खतरे से बाहर है।  पुलिस ने कहा कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या कोई ऐसा गिरोह है जो रात में मोटर चालकों को अंडे से निशाना बनाकर विचलित करने और लूटने के लिए हमला करता है।  मिताली चंदोला की हुंडई i20 की विंडशील्ड के माध्यम से दो गोलियां लगीं।  पुलिस ने व्यक्तिगत दुश्मनी से भी इंकार नहीं किया है।  पुलिस के अनुसार, सुश्री चंदोला ने कह...

विश्व का सबसे बड़ा स्तूप खस्ता हालत में

मै यहा चार साल पहले भी आ चुका हू. मेरा घर यहा से 50 कि.मी की दूरी पर है. यहा इन वर्षो मे मुक्षे कोई बदलाव नही दिख रहा है, जिससे की यहा विश्व के सबसे बड़े स्तूप होने के वजह से पर्यटको को आकर्षित किया जा सके. यह कहना है मोतीहारी के अमन मोदी का ,अमन एक ग्रेजुएट विधार्थी है. लम्बे समय तक पहचान का संकट झेलता आया, केसरीया बौद्ध स्तूप विभिन्न शोधो के आघार पर विश्व की सबसे बड़ी बौद्ध स्तूप हैं. इस स्तूप की ऊंचाई 104 फीट मानी गई है. इसके साठ फीसद हिस्से की ही अभी खुदाई हो पाई है. अनुमान है कि स्तूप से लेकर दक्षिण दिशा में बहती गंडक नदी तक चौड़ी सड़क अब भी जमींदोज है. जो खुदाई हुई है उसके बारे में जानकारों का मानना है कि यह अपेक्षाकृत बेहद कम इलाके की हुई है. पूरे इलाके की खुदाई हो तो स्तूप के साथ कई ऐसी इमारतें भी प्रकाश में आएंगी जिनके बारे में किसी को पता नहीं है. अमन कहते है दरसल इस स्थान का सौंदर्यीकरण के लिए कुछ नही किया गया है. यहा इतने दूर से लोग आते है .स्तूप के अलावा ऐसा कोई विकल्प नही है.जिससे लोग यहा 10-15 मीनट भी रूक सके. जैसे स्टैचु आफ युनिटी के आस-पास स्मारक उपवन,संग्रहालय...