119 विधायको में से 106(90 प्रतिशत) करोड़पति हैं।
नई दिल्ली,पीटीआई: हाल ही में संपन्न हुए तेलंगाना विधानसभा चुनावों में निर्वाचित 119 में से 73 विधायकों का आपराधिक रिकॉर्ड है जबकि पिछले सदन में एक सदस्य की तुलना में वर्तमान में एक विधायक की औसत संपत्ति दोगुनी हो गई है।दिल्ली स्थित थिंक टैंक एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा जारी एक विश्लेषण के मुताबिक, 47 विधायकों के उपर हत्या के प्रयास से संबंधित मामले, महिलाओं के खिलाफ अपराध, तथा दूसरे अन्य गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है।"119 विधायकों में से 73 (61 प्रतिशत) विधायकों ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है"।एडिआर के अनुसार 47 विधायको (40%)के ऊपर गंभीर आपराधिक मामलों के साथ ही हत्या के प्रयास से संबंधित मामले, महिलाओं के खिलाफ अपराध इत्यादि के आरोप है।
2014 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान 119 विधायकों में से 67 (56 प्रतिशत) विधायकों ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की थी। 2014 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान 119 विधायकों का विश्लेषण किया गया, 46 (39 प्रतिशत) विधायकों ने खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे।
तेलंगाना चुनाव के परिणामों के बाद , एडीआर ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2018 में सभी 119 नव निर्वाचित विधायकों के आत्म-शपथ शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है।
एडीआर के अनुसार, टीआरएस के 88 में से 50, कांग्रेस से 19 में से 14, असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाले एआईएमआईएम से 7 में से 6, टीडीपी से दो और बीजेपी के एक विधायक ने अपने हलफनामे में खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
एडीआर ने इसमें कुछ अन्य पहलू भी शामिल किया है जिसके मुताबिक 2018 तेलंगाना विधानसभा चुनावों में प्रति विधायक की औसत संपत्ति 15.71 करोड़ रुपये है जबकि 2014 तेलंगाना विधानसभा में निर्वाचित, 119 विधायकों का विश्लेषण किया गया जिसमें प्रति विधायक औसत संपत्ति 7.70 करोड़ रुपये थी।
2018 के चुनावों में, मुनुगोड के कांग्रेस विधायक के राजगोपाल रेड्डी ने 314 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सूची में शीर्ष स्थान पर हैं, इसके बाद मैरी जनार्दन रेड्डी (टीआरएस) और के उपेंद्र रेड्डी (कांग्रेस) क्रमश: 161 करोड़ रुपये और 91 करोड़ रुपये के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। इस विश्लेषण के अनुसार, सैयद अहमद पाशा क्वाड्री 19 लाख रुपये के साथ इस सुची में निचले स्थान पर हैं। कुल मिलाकर 119 विधायको में से 106(90 प्रतिशत) करोड़पति हैं।
सभी विधायक, जो पिछले सदन के सदस्य थे वे फिर से निर्वाचित हुए हैं। इनमें एआईएमआईएम के सात विधायक और टीआरएस से संबंधित एक विधायक भी शामिल है।
इस बीच, नई तेलंगाना विधानसभा 2018 में मुस्लिम विधायकों की संख्या पूर्व विधानसभा के समान आठ ही बनी रही। असेंबली में महिलाओ का प्रतिनिधित्व घटा हैं । 2014 में महिलाओं की संख्या 9 थी जो अब केवल 6 ही रह गई है।
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