मेरा नाम अमित कुमार है मै बिहार के चम्पारण जिले का निवासी हुँ।
चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी पर आप सभी का हार्दिक अभिन्दन करता हु, शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य मे एक भव्य समारोह का चम्पारण मे आयोजन किया गया और इसमे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शि२कत की।
प्रधानमत्री के महत्वकांक्षी परियोजना स्वच्छता अभियान के साथ जोड़कर सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह का नारा दिया गया और भारत को निर्मल करने के साथ ही बड़ी हर्षोल्लास के साथ शताबदी वर्ष मानाया गया। अगर स्वच्छता अभियान की बात करे तो इसका प्रभाव यह है की मै स्वयं कुछ भी कही भी फेकने से पहले ( स्वच्छता अभियान की याद आ जाती है) एकबार कुड़ादान अवश्य देखता हूँ।
प्रधानमंत्री जी द्वारा अन्य कई परियोजनाओ का भी शिलान्यास २रवा गया ।मोतिहारी के हरसिद्धि में लगने वाले हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरोशन के बोटलिंग प्लांट का और बेतिया में नगर परिषद जलापूर्ति स्कीम का शिलान्यास किया। इसके अलावा मधेपुरा की इलेक्ट्रिक रेल इंजन फैक्टरी से निकले पहले इंजन का लोकार्पण किया। इसे विश्व का सबसे ताकतवर रेल इंजन बताया जा रहा है।चंपारण हमसफर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शिलान्यास:
1. सैदपुर सीवरेज नेटवर्क-431.22 करोड़
2. पहाड़ी एसटीपी-191.62 करोड़
3. पहाड़ी सीवरेज सिस्टम-184.86
4. पहाड़ी सीवरेज स्कीम-356.37
5. मुजफ्फरपुर-सुगौली-वाल्मीकिनगर रेल लाइन दोहरी करण- 2700 करोड़
6. मोतिहारी मोतीझील सौंदर्यीकरण एवं संरक्षण- 22 करोड़
7. एनएच-2 पर औरंगाबाद से चोरदाहा का चौड़ीकरण-882 करोड़
आज यहां करोड़ों रुपये खर्च किया गया जबकी मोतिहारी के किसानो की स्थिती काफी दैनीय है, गाँधी जी ने चम्पारण सत्याग्रह किसानों के हको की मांग के लिए ही की थी और मोदी जी ने 2014 मे चीनीमील शुरू करने की बात की थी उसका क्या हुआ ।
इन सबसे परे मेरा मुद्दा है आज जब प्रधानमंत्री का आगमन था तो प्रशासन और सभी अधिकारी पि६ले ,15-20 दिनो से हरकत मे आ गए थे मोतिहारी का मीना बाजार जो की कचड़ा से भरा पड़ा २हता था वो साफ-सुथरा हो गया, शहर का प्रत्येक हिस्से को चमका दिया गया, जाम से निपटने के लिए ह२ जगह पुलिस खड़ी हो गई , रातो रात सड़के बन गयी, यहाँ तक की रातो रात हॉस्पीटल के बाहर फूल के पेड़ उग गए , बापुधाम स्टेशन को पुरी तरह बदल दिया गया( बड़े बड़े नगरो के स्टेशन ऐसे नही होंगे), गाँधी संग्रहालय का सौन्दयीकरण , चरखा पार्क का भी निर्माण किया गया।
मै इन तरह के पहलो का स्वागत करता हु ,परन्तु क्या ये केवल आज तक के लिए ही था क्या कल से स्थितीया फिर वही होगी। आखिर ऐसा क्यु है हम कब जागरुक होंगे।
चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी पर आप सभी का हार्दिक अभिन्दन करता हु, शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य मे एक भव्य समारोह का चम्पारण मे आयोजन किया गया और इसमे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शि२कत की।
प्रधानमत्री के महत्वकांक्षी परियोजना स्वच्छता अभियान के साथ जोड़कर सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह का नारा दिया गया और भारत को निर्मल करने के साथ ही बड़ी हर्षोल्लास के साथ शताबदी वर्ष मानाया गया। अगर स्वच्छता अभियान की बात करे तो इसका प्रभाव यह है की मै स्वयं कुछ भी कही भी फेकने से पहले ( स्वच्छता अभियान की याद आ जाती है) एकबार कुड़ादान अवश्य देखता हूँ।
प्रधानमंत्री जी द्वारा अन्य कई परियोजनाओ का भी शिलान्यास २रवा गया ।मोतिहारी के हरसिद्धि में लगने वाले हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरोशन के बोटलिंग प्लांट का और बेतिया में नगर परिषद जलापूर्ति स्कीम का शिलान्यास किया। इसके अलावा मधेपुरा की इलेक्ट्रिक रेल इंजन फैक्टरी से निकले पहले इंजन का लोकार्पण किया। इसे विश्व का सबसे ताकतवर रेल इंजन बताया जा रहा है।चंपारण हमसफर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शिलान्यास:
1. सैदपुर सीवरेज नेटवर्क-431.22 करोड़
2. पहाड़ी एसटीपी-191.62 करोड़
3. पहाड़ी सीवरेज सिस्टम-184.86
4. पहाड़ी सीवरेज स्कीम-356.37
5. मुजफ्फरपुर-सुगौली-वाल्मीकिनगर रेल लाइन दोहरी करण- 2700 करोड़
6. मोतिहारी मोतीझील सौंदर्यीकरण एवं संरक्षण- 22 करोड़
7. एनएच-2 पर औरंगाबाद से चोरदाहा का चौड़ीकरण-882 करोड़
आज यहां करोड़ों रुपये खर्च किया गया जबकी मोतिहारी के किसानो की स्थिती काफी दैनीय है, गाँधी जी ने चम्पारण सत्याग्रह किसानों के हको की मांग के लिए ही की थी और मोदी जी ने 2014 मे चीनीमील शुरू करने की बात की थी उसका क्या हुआ ।
इन सबसे परे मेरा मुद्दा है आज जब प्रधानमंत्री का आगमन था तो प्रशासन और सभी अधिकारी पि६ले ,15-20 दिनो से हरकत मे आ गए थे मोतिहारी का मीना बाजार जो की कचड़ा से भरा पड़ा २हता था वो साफ-सुथरा हो गया, शहर का प्रत्येक हिस्से को चमका दिया गया, जाम से निपटने के लिए ह२ जगह पुलिस खड़ी हो गई , रातो रात सड़के बन गयी, यहाँ तक की रातो रात हॉस्पीटल के बाहर फूल के पेड़ उग गए , बापुधाम स्टेशन को पुरी तरह बदल दिया गया( बड़े बड़े नगरो के स्टेशन ऐसे नही होंगे), गाँधी संग्रहालय का सौन्दयीकरण , चरखा पार्क का भी निर्माण किया गया।
मै इन तरह के पहलो का स्वागत करता हु ,परन्तु क्या ये केवल आज तक के लिए ही था क्या कल से स्थितीया फिर वही होगी। आखिर ऐसा क्यु है हम कब जागरुक होंगे।
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