Skip to main content

भारत में उच्च शिक्षा की चिंताजनक स्थिति

अमीत कुमार, नई दिल्ली
      हाल ही मे जारी एक वौश्विक रिपोर्ट के अनुसार 100 वैश्विक रूप से उत्कृषट संस्थानो मे भारत के एक भी संस्थान शामील नही है।यह रिपोर्ट यु.जी.सी और ए.आई.सी.टी.ई पर प्रश्न खङा करता है।
प्र. इस स्थिती मे परिवर्तन कैसे लाया जाए ।
       यु.पी.ए सरकार ने कई आई.आई.टी और आई.आई.एम खोलो। वर्तमान की एन.डी.ए सरकार द्वारा 2017 मे आई.आई.म एक्ट पारित किया गया । जिससे आई.आई.म को स्वायतता दी जा सके । एक इसंस्टीट्युट आफ इमीनेंनस का भी रहा। जिसमे 20 संस्थानो का चयन करके उन्हे विश्वस्तरीय बनाए जाने की प्रयास कि जानी है। इसके लिए आवेदन करनेवाले संस्थान को एक करोड़ की प्रक्रमण संसाधन राशि के साथ अपना प्रोग्राम आफ एक्सन भी देना होगा। इनमे सरकारी संस्थानो को वितीय सहायता देने के साथ साथ ,स्वायतता भी प्रदान की जाएगी।
प्र. 20 संस्थानो की उत्कृष्टता सूची मे चयनित 5 संस्थानो आई.आई.टी दिल्ली , मुंबई, बिडला इंस्ट्यूट ऑफ टेकनोलाजी, इंस्टयूट ऑफ सइस बेंगलुरू और मणिपाल संस्थान मे से कोई भी 100 वैशिवक संस्थानों मे अपनी स्थान क्यो नही बना पाया।
        विश्वस्तरीय शिक्षको का होना किसी भी संस्थान के लिए बहुत महत्व रखता है। आई.आई.टी और आई.आई.एम मे केवल 10% शिक्षको ही वैश्विक पहचान प्राप्त है।
हमारे अच्छे विधार्थी शायद ही कोई देश मे पी.एच.डी. कार्यक्रम लेते है। इसके साथ ही पश्चिमी देशो की तुलना मे भारत मे एजुकेशन गैप और गुणवतापरक शिक्षा एक बङी समस्या है।
सुक्षाव
1.अमेरीकी मॉडल
अधिकतर निजी वीश्वविधालयो ने सफलता प्राप्त की है। इसके पीछे वहाँ के धनी व्यापारियो का हाथ था । वहाँ के निजी विश्वविधालयो को स्वायत्तता देने के कारण संभव है। वे  अपनी उत्कृष्टता स्थापित करने के लिए एक तरह से निष्ठुर होकर काम करते है।
2.सिंगापुर हांक-कांग मॉडल
सरकार ही मुक्त हाथ से अनुदान देती है। इन विश्वविधालय के डीन को विश्व से शिक्षक चुनने का पूर्ण अधिकार दिया जाता है। इनका वेतन भी विश्वस्तरीय होता है। लेकिन इन विश्वविधालय की भी जवाबदेही तय कर दी जाती है।
3. सिंगापुर आदी देशो की तरह भा२त मे भी शिक्षा को अधिकार के रूप मे लागू करना।
4. गुणवतापरक और बाजार आधारित शिक्षा और कौशल को बढ़ावा देना।
5. नवाचार औ२ बौद्धिक संपदा अधिकार को प्रमोट करके , शिक्षको की योग्यता और क्षमता को बढ़ा करके।
           इन संस्थान की कमयो की उत्कृष्टता की स्थापना कोई सहज प्रक्रिया नही है । भारत मे संस्थानो का नाम बदल देने या नाममात्र की स्वायतता दे देने से कोई हल नही निकलेगा । यह एक लम्बी प्रक्रिया है, जिसके लिए कठोर तपस्या करनी होगी।

Comments

Popular posts from this blog

YOGA DAY: संयुक्त राष्ट्र से लेकर संसद तक और बीजिंग से लेकर रांची तक दुनिया ने किया योग

धर्म, जाति,और  क्षेत्र  से ऊपर है  योग    -  प्रधानमंत्री  मोदी   रांची, 21 जून (भाषा) पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर शुक्रवार को भारत के साथ ही दुनिया के कई देशों ने योग किया। संयुक्त राष्ट्र की महासभा से लेकर भारतीय संसद के परिसर और बीजिंग से लेकर रांची तक प्राचीन स्वास्थ्य पद्धति को पसंद करने वाले हजारों लोगों ने “ओम” एवं “शांति” का जाप करते हुए सरल एवं कठिन हर तरह के ‘आसन’ किए। प्रधानमंत्री मोदी ने आज के समारोहों की अगुवाई की। आज कई वैश्विक राजधानियों और भारत के नगरों एवं गांवों में योग के कार्यक्रम आयोजित किए गए।  भारत में मुख्य कार्यक्रम झारखंड की राजधानी रांची में हुआ जहां प्रधानमंत्री ( प्र . ) ने प्रभात तारा मैदान में 40,000 लोगों के साथ कई ‘योगासन’ किया।   प्र . मोदी ने लोगों से योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की अपील करते हुए कहा, “हमें योग को शहरों, गांवों एवं आदिवासी इलाकों तक ले जाने के प्रयास करने चाहिए। योग धर्म, जाति, रंग, लिंग एवं क्षेत्र से ऊपर है, यह सबके ऊपर है।”  उन्होंने लोगों से क...

महिला पत्रकार पर नकाबपोश लोगों ने गोलियां चलाईं

NEW DELHI: एक महिला पत्रकार पर पूर्वी दिल्ली के वसुंधरा एन्क्लेव में नकाबपोश लोगों के एक समूह ने गोली चलाईं।  पुलिस ने कहा कि नोएडा में रहने वाली मिताली चंदोला रविवार सुबह 12:30 बजे अपनी ह्युंडई आई 20 कार चला रही थी, तभी एक मारुति स्विफ्ट ने उसे ओवरटेक किया। कार के भीतर कुछ नकाबपोश लोगों ने उस पर दो गोलियां चलाईं, पुलिस ने कहा नकाबपोशों ने सामने की विंडशील्ड पर गोलियां चलाई जिसमें से एक गोली महिला के  हाथ पर लागी।  सुश्री चंदोला ने पुलिस को बताया कि हमलावरों ने तेज गति से भागने से पहले उसकी कार की विंडशील्ड पर अंडे भी फेंके।  उसे पूर्वी दिल्ली के धर्मशीला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अब वह खतरे से बाहर है।  पुलिस ने कहा कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या कोई ऐसा गिरोह है जो रात में मोटर चालकों को अंडे से निशाना बनाकर विचलित करने और लूटने के लिए हमला करता है।  मिताली चंदोला की हुंडई i20 की विंडशील्ड के माध्यम से दो गोलियां लगीं।  पुलिस ने व्यक्तिगत दुश्मनी से भी इंकार नहीं किया है।  पुलिस के अनुसार, सुश्री चंदोला ने कह...

विश्व का सबसे बड़ा स्तूप खस्ता हालत में

मै यहा चार साल पहले भी आ चुका हू. मेरा घर यहा से 50 कि.मी की दूरी पर है. यहा इन वर्षो मे मुक्षे कोई बदलाव नही दिख रहा है, जिससे की यहा विश्व के सबसे बड़े स्तूप होने के वजह से पर्यटको को आकर्षित किया जा सके. यह कहना है मोतीहारी के अमन मोदी का ,अमन एक ग्रेजुएट विधार्थी है. लम्बे समय तक पहचान का संकट झेलता आया, केसरीया बौद्ध स्तूप विभिन्न शोधो के आघार पर विश्व की सबसे बड़ी बौद्ध स्तूप हैं. इस स्तूप की ऊंचाई 104 फीट मानी गई है. इसके साठ फीसद हिस्से की ही अभी खुदाई हो पाई है. अनुमान है कि स्तूप से लेकर दक्षिण दिशा में बहती गंडक नदी तक चौड़ी सड़क अब भी जमींदोज है. जो खुदाई हुई है उसके बारे में जानकारों का मानना है कि यह अपेक्षाकृत बेहद कम इलाके की हुई है. पूरे इलाके की खुदाई हो तो स्तूप के साथ कई ऐसी इमारतें भी प्रकाश में आएंगी जिनके बारे में किसी को पता नहीं है. अमन कहते है दरसल इस स्थान का सौंदर्यीकरण के लिए कुछ नही किया गया है. यहा इतने दूर से लोग आते है .स्तूप के अलावा ऐसा कोई विकल्प नही है.जिससे लोग यहा 10-15 मीनट भी रूक सके. जैसे स्टैचु आफ युनिटी के आस-पास स्मारक उपवन,संग्रहालय...