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Before Go To The School

Don't make pressure on children
Teachers Don't treat him as the boggies connected with train
Parent's DontD Treat their children as Fish in the tank
Parent's and Teachers both give freedom to the children
That they can open their wings and fly High as they Wish
The parent's duty is to give him a Good Manner and
The Teachers Duty is to guide the Student in Right way
With Ethical values.
Don't treat him as a boggies ,fish etc unless u ll get a Machine
Which has no feeling ,no Emotions....
Give the opportunity to Every Children to open their Wings.
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विश्व का सबसे बड़ा स्तूप खस्ता हालत में

मै यहा चार साल पहले भी आ चुका हू. मेरा घर यहा से 50 कि.मी की दूरी पर है. यहा इन वर्षो मे मुक्षे कोई बदलाव नही दिख रहा है, जिससे की यहा विश्व के सबसे बड़े स्तूप होने के वजह से पर्यटको को आकर्षित किया जा सके. यह कहना है मोतीहारी के अमन मोदी का ,अमन एक ग्रेजुएट विधार्थी है. लम्बे समय तक पहचान का संकट झेलता आया, केसरीया बौद्ध स्तूप विभिन्न शोधो के आघार पर विश्व की सबसे बड़ी बौद्ध स्तूप हैं. इस स्तूप की ऊंचाई 104 फीट मानी गई है. इसके साठ फीसद हिस्से की ही अभी खुदाई हो पाई है. अनुमान है कि स्तूप से लेकर दक्षिण दिशा में बहती गंडक नदी तक चौड़ी सड़क अब भी जमींदोज है. जो खुदाई हुई है उसके बारे में जानकारों का मानना है कि यह अपेक्षाकृत बेहद कम इलाके की हुई है. पूरे इलाके की खुदाई हो तो स्तूप के साथ कई ऐसी इमारतें भी प्रकाश में आएंगी जिनके बारे में किसी को पता नहीं है. अमन कहते है दरसल इस स्थान का सौंदर्यीकरण के लिए कुछ नही किया गया है. यहा इतने दूर से लोग आते है .स्तूप के अलावा ऐसा कोई विकल्प नही है.जिससे लोग यहा 10-15 मीनट भी रूक सके. जैसे स्टैचु आफ युनिटी के आस-पास स्मारक उपवन,संग्रहालय

जल के समुचित उपयोग से भारत प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रह सकता है- श्री शेखावत

 पहले देश में खाद्यान्न की कमी से और                                                         अब पानी की कमी से  स्थिति खराब हो सकती है- शेखावत New Delhi: केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल उपलब्धता के मामले में भारत दुनिया के सबसे संवेदनशील देशों में एक है और बढ़ती जनसंख्या ने समस्या को और भी गंभीर बना दिया है।  नई दिल्ली में आईटीओ के निकट स्थित छठ घाट पर आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह के तहत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शेखावत ने कहा कि पानी की प्रत्येक बूंद को बचाना व संरक्षित करना चाहिए तथा हम सभी को पानी के उचित उपयोग के लिए सम्मिलित प्रयास करना चाहिए। श्री शेखावत ने कहा कि भारत ने खाद्यान्न निर्यात करने वाले देश की उपलब्धि हासिल की है। पहले देश में खाद्यान्न की कमी थी। निकट भविष्य में पानी की कमी से स्थिति खराब हो सकती है। आवश्यकता इस बात की है कि पानी के पारम्परिक स्रोतों का पुनरुद्धार किया जाना चाहिए और जल संरक्षण के लिए सशक्त प्रयास किए जाने चाहिए। वाप्कोस की सराहना करते हुए श्री शेखावत ने कहा कि संगठन ने विकास कार्यों के लिए नवीन तरीक